Boycott Chinese Products is a good idea ?
If whole world boycott China then it would affect China badly. If only India boycott Chinese goods then it won't make any bigger impact on China even Indian economy can suffer. It's possible that if India started to boycott China then May be other neighborhood country can also start to boycott China if China bullies them.
अगर पूरी दुनिया चीनी समान का बहिष्कार करे तो यह सफल होगा लेकिन अकेले भारत के बहिष्कार करने से चीन को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा पर भारत को इसका थोड़ा बुरा असर पड़ेगा । ये एक मुहिम के रूप में शुरुआत हो सकता है कि जब काफी भविष्य में भारत की तरह अगर किसी दूसरे देश को चीन डराए तो भारत की तरह वो भी उसका बहिष्कार करे।
Before boycotting Chinese goods India should find it's replacement with similar quality as well as it's price. Now India has two options
- India can import from another countries like US, Japan, European Union etc with higher cost.
- Start to focus Make in India programs.
भारत को चीनी समान के बहिष्कार करने से पहले ये उसका विकल्प धुंध लेना चाहिए उसकी समकिमत और सम गुणवत्ता का।
- भारत को दूसरे देशों से महंगी कीमत पर उसका विकल्प ढूंढ लेना होगा ।
- Make in India प्रोजेक्ट पर बल देना होगा
India - China Trade Deficit : India China has a big trade deficit in China's favor. 2018-19 India's export to China were $16.7 billion while Imports were $70.3 billion with Trade Deficit of $53.6 billion. China's export to India is only 2-3% ( it's Not GDP Contribution) of their total export to all over the world. Boycotting Chinese goods won't affects much China.
भारत चीन का आयात निर्यात में बड़ा अंतर है। 2018-19 में भारत ने चीन को 16.7 बिलियन अमेरिकी डालर का निर्यात किया जबकि 70.3 बिलियन अमेरिकी डालर का आयात किया। यह व्यापार घाटा या अंतर करीब 53.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा । चीन भारत को अपनी पूरी निर्यात का सिर्फ 2-3% ( सकल घरेलू उत्पाद नहीं है) निर्यात करता है। चाइना समान का बहिष्कार इतना प्रभाव नहीं डालेगा उसकी अर्थ्यवस्था को।
Affacts on Indian Poor : Chinese products are cheap and affordable for Indian middle class people and poor people. After boycotting Chinese goods India's Poor people will pay not higher cost for many products.
चीनी उत्पाद काफी सस्ते होते है और भारत के माध्यम वर्ग के परिवार और गरीब लोग भी आसानी से उसे खरीद सकते हैं, परन्तु बहिष्कार के बाद ये भारत के इन परिवारों पर बोझ बढ़ेगा।
Indian Products would be costlier : India use many intermediate Chinese products in many products for example Maruti and many automobile companies imports parts from China. Boycotting Chinese goods make it costlier.
भारत के बहुत से कंपनी जैसे मारुति और ऑटोमोबाइल कंपनी काफी उत्पाद
चीन से मांगती है, अगर ये हम मंगवाना बंद कर दे तो मारुति के उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
Barely hurt Chinese Economy : It will barely hurt China's economy because of they export only 2-3% ofIof their totalatotal export,less than one percent GDP contribution in their GDP. Their GDP $14 trillion dollars approximately $14000 billion dollar and India import only 70.3 billion dollars. It's less than one percent. It won't affect China's economy but impact Indian economy.
चीनी अर्थ्यवस्था को इससे बिल्कुल फर्क नहीं पड़ेगा क्युकी सिर्फ २-३% चीनी उत्पाद निर्यात करता है पूरे निर्यात में। चीनी अर्थव्यवस्था 14 ट्रिलियन अमेरिकI डॉलर है या 14000 बिलियन अमेरिकी डॉलर और भारत इसमें सिर्फ 70.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देता है। इससे चीन को ज्यादा फर्क नही पड़ेगा पर भारत की अर्थवयवस्था को ज्यादा नुकसान करेगा।
India will lose Policy Credibility: When indian is trying to attract foreign investment, and If India suddenly changes their policy in a night by blowing up in sentiments. India will loose policy credibility towards foreign investment.
जब भारत, बाहर से आने वाली कंपनी को आकर्षत करने में लगा है और अचानक भारत एक दिन में अपनी नीतियां बदल देती है तो विदेशी कंपनी को भारत के प्रति विश्वसनियता को संदेह में डाल देगा।
If China abruptly ban their investment in India: Indians are talking to boycott Chinese good but what if China does same with India। If China abruptly ban their investment ? Yes india will survive but at huge cost to common man. Many Indians small businesses like small shops (Oppo, Vivo shop) many more will directly affected. If we started to export from Japan, Southkorea only trade Deficit will increase.
जैसा भारत सोंच रहा अगर वैसे ही चीन अपने सारे निवेश भारत से अचानक निषेध कर दे तो इसका बड़ा असर भारत के आम आदमी को पड़ेगा। छोटे छोटे दुकान जो चीनी समान बेचते है वो बेरोजगार हो जाएंगे जैसे ओप्पो विवो मोबाइल दुकान वाले ।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार $ 500 बिलियन से अधिक है। यह चीन के बिना संभव नहीं होगा। हमने दुनिया भर में पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्वीन का निर्यात किया और हमने चीन से एपीआई का आयात किया। हम बुरी तर ह से चीन पर निर्भर है ।
India is directly depended on some products:
India is directly depended on some products:
- Mobile Phone : Best features and cheapest rate.
- API for medicines : Active Pharmaceutical ingredients
- Automobile and many industries parts
- Electronic Equipment : Refrigerator, Microwave, Headphones, Laptop
- And many more which is uncountable.
What options India has: India Should change it's foreign Policy defencsive to offensive. India needs to show agression against China Instead of boycotting China. India should support Taiwan and take stand against one China policy. India Should Raise issue of Hongkong on international level.
भारत को बदल देना चाहिए यह विदेश नीति अपमानजनक है। भारत को चीन का बहिष्कार करने के बजाय चीन के खिलाफ आंदोलन दिखाना होगा। भारत को ताइवान का समर्थन करना चाहिए और एक चीन नीति के खिलाफ खड़ा होना चाहिए ।
Conclusion : India should focus on Atmanirbhar plan and make in India project. If it's successfully applied then India may reduce importing goods from China. Till now boycotting of China will make bad Impact on China. India should change their foreign policy defensive to offensive।
भारत को पहले आत्मनिर्भर योजना और Make in India प्रोजेक्ट को बढ़ावा देना चाहिए । जब ये पूरी तरह से सफल हो जाए तब भारत को धीरे धीरे आयात घटना चाहिए। तब तक चीन समान का बहिष्कार भारतीय बाजार पर बुरा प्रभाव डालेगा । भारत को अपनी विदेश नीति को बदलना होगा रक्षात्मक के जगह डिफेंसिव करना होगा।
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